
'किसी एक संस्था को असीमित अधिकार देना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक', पूर्व CJI खन्ना ने ऐसा क्यों कहा?
Published at : 2025-08-17 18:00:00
पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक की समीक्षा करते हुए कहा कि संवैधानिक वैधता यह नहीं दर्शाती कि प्रविधान वांछनीय हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुरूप होने का मतलब यह नहीं कि वह समाज के लिए उचित है। न्यायमूर्ति खन्ना ने निर्वाचन आयोग को असीमित विवेकाधिकार देने पर चिंता जताई जिससे राज्य सरकार के कार्यों पर केंद्र का नियंत्रण हो सकता है।