
CJI बोले- डिजिटल युग में लड़कियां सबसे ज्यादा असुरक्षित:तकनीक सशक्तिकरण नहीं, शोषण का जरिया बनी; इसके खिलाफ पुलिस को खास ट्रेनिंग देना जरूरी
Published at : 2025-10-11 10:02:37
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि डिजिटल दौर में लड़कियां नई तरह की परेशानियों और खतरों का सामना कर रही हैं। तकनीक सशक्तिकरण नहीं, शोषण का जरिया बन गई है। उन्होंने बताया कि लड़कियों के लिए आज ऑनलाइन हैरेसमेंट, साइबर बुलिंग, डिजिटल स्टॉकिंग, निजी डेटा के दुरुपयोग और डीपफेक तस्वीरें बड़ी चिंता बन गई हैं। CJI गवई ने कहा - इन खतरों से बचाने के लिए पुलिस और अधिकारियों को खास ट्रेनिंग देने की जरूरत है, ताकि वे ऐसे मामलों को समझदारी और संवेदनशीलता से संभाल सकें। CJI गवई सुप्रीम कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी और यूनिसेफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सेफगार्डिंग द गर्ल चाइल्ड’ में बोल रहे थे। कार्यक्रम में जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री भी मौजूद थीं। CJI गवई की 2 बड़ी बातें... जब तक कोई भी लड़की डर में जी रही है, तब तक भारत उस ‘स्वतंत्रता के स्वर्ग’ तक नहीं पहुंच सकता। जस्टिस नागरत्ना बोलीं- लड़कियों को लड़कों के समान अधिकार मिले जस्टिस बीवी नागरत्ना- एक लड़की तभी बराबर की नागरिक मानी जा सकती है, जब उसे वही अवसर, संसाधन और सम्मान मिले जो एक लड़के को मिलते हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला- हर लड़की का अधिकार है कि वह भय और भेदभाव से मुक्त होकर शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सके। CJI गवई के पिछले 5 बड़े बयान 4 अक्टूबरः बुलडोजर एक्शन का मतलब कानून तोड़ना चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था रूल ऑफ लॉ यानी (कानून के शासन) से चलती है, इसमें बुलडोजर एक्शन की जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल के फैसले में अदालत ने स्पष्ट किया था कि किसी आरोपी के खिलाफ बुलडोजर चलाना कानून की प्रक्रिया को तोड़ना है। पूरी खबर पढ़ें... 16 सितंबरः जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो CJI ने 16 सितंबर को खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर याचिकाकर्ता से कहा- जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो। हालांकि, 2 दिन बाद 18 सितंबर उन्होंने बयान पर सफाई दी और कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। पूरी खबर पढ़ें... 23 अगस्तः परीक्षा में नंबर-रैंक सफलता तय नहीं करते CJI बीआर गवई ने 23 अगस्त को कहा था कि परीक्षा में अंक और रैंक यह तय नहीं करते कि छात्र कितना सफल होगा। उसको सफलता मेहनत, लगन और समर्पण से मिलती है। जस्टिस गवई ने कहा- देश में कानूनी शिक्षा को मजबूत करना जरूरी है और यह सुधार केवल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) तक सीमित नहीं रहना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें... 9 अगस्तः सरकारी आवास समय पर खाली कर दूंगा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने गुरुवार को कहा- नवंबर में रिटायरमेंट से पहले उपयुक्त (सूटेबल) घर मिलना मुश्किल है, लेकिन मैं नियमों के तहत तय समयसीमा में अपना सरकारी आवास खाली कर दूंगा। CJI गवई ने ये बात जस्टिस सुधांशु धूलिया के विदाई कार्यक्रम में कही। पूरी खबर पढ़ें... 12 जूनः अधिकारों की रक्षा के लिए अदालतों की सक्रियता जरूरी CJI बीआर गवई ने 12 जून को कहा था कि संविधान और नागरिकों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए न्यायिक सक्रियता जरूरी है। यह बनी रहेगी, लेकिन इसे न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदला जा सकता। CJI ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को उनकी सीमाएं दी गई हैं। पूरी खबर पढ़ें... ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... CJI अटैक मामला, आरोपी वकील की बार एसोसिएशन मेंबरशिप खत्म: चीफ जस्टिस बोले- हम हैरान थे, लेकिन अब यह बीती बात है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर (71) की मेंबरशिप तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी। SCBA ने कहा कि वकील का व्यवहार पेशेवर नैतिकता, शिष्टाचार और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है। पूरी खबर पढ़ें...