30 दिन बाद भी बेसुराग मासूम रितेश, अब नया रास्ता:मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में पहुंची पुलिस, 2 दिसंबर को दो परिवारों का लॉयल्टी टेस्ट
Published at : 2025-11-30 23:53:33
ग्वालियर के मोहनपुर गांव से लापता तीन साल के रितेश पाल का 30 दिन बाद भी कोई पता नहीं चला है। 30 दिन बाद भी पुलिस वहीं खड़ी है जहां से चली थी। 500 से ज्यादा जवान-अफसर जंगल में सर्चिंग के लिए उतारने, ड्रोन से सर्चिंग करने के बाद अब पुलिस गुपचुप ढंग से गिरगांव वाले महादेव, जिनको मजिस्ट्रेट महादेव कहा जाता है उनकी अदालत में पहुंची है। बीते सोमवार (24 नवंबर) दोनों परिवार को पुलिस महादेव की अदालत लेकर पहुंची। पुलिस को यकीन है कि बच्चा दोनों परिवारों या उनके बीच में है। पुलिस मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में बच्चे के मां-पिता समेत दोनों परिवार का 'लॉयल्टी टेस्ट' करा रही है। मंदिर पर पंचायत में केस रजिस्टर्ड हो गया है। दोनों पक्ष मां सपना पाल व पिता दलबीर के परिजन ने कुछ लोगों के नहीं आने का बहाना बनाकर कसम नहीं खाई। दोनों परिवारों को सात दिन का समय दिया गया। अब मंगलवार (2 दिसंबर) काे दोनों परिवार महादेव के सामने 'धरम' (कसम) उठाएंगे। ऐसी मान्यता है यहां झूठ बोलने वाले को सात दिन में अपने आप सजा मिल जाती है। उलझी पुलिस को अब भगवान का सहारा पुलिस ने बच्चे के मां-पिता को पकड़कर सख्ती भी बरती है, लेकिन कोई टस से मस नहीं हो रहा है। अब पुलिस ने भावनात्मक एंगल को अपनाया है। दोनों परिवार धार्मिक स्वभाव के हैं और भगवान में आस्था रखते हैं। इस दौरान पुलिस ने अब अपना आखिरी एंगल गिरगांव वाले महादेव की अदालत में रखा है।मुरार थाना पुलिस के कहने पर 24 नवंबर काे दोनों परिवार (मां और पिता से जुड़े) लोगों को लेकर पुलिस महाराजपुरा स्थित मजिस्ट्रेट महादेव लेकर पहुंची। यहां महादेव के सामने दोनों पक्षों को खड़ा कर उनकी अदालत में केस रजिस्टर्ड कर दिया है। धरम नहीं उठाया, टाल गए दोनों परिवारमजिस्ट्रेट महादेव के सामने पंचायत में मामला पहुंचा और केस रजिस्टर्ड हो गया। यहां "धरम' उठाना पड़ता है मतलब कसम खानी पड़ती है। दोनों पक्षों को "धरम' उठाना था कि उनको बच्चे के बारे में कुछ नहीं पता है। यदि वह कुछ जानकर छुपा रहे हैं तो महादेव उनको सजा दें।दोनों परिवारों ने कोई न कोई बहाना बनाकर धरम नहीं उठाई और मामले को टाल दिया। रितेश की मां सपना पाल और उनके मायके पक्ष का कहना है कि जिन लोगों पर उनको संदेह है जो बच्चे के ताऊ के दोस्त हैं और हमारे पड़ोसी हैं, उनके नाम हमने लिखाए थे, लेकिन उनको लेकर वो लोग नहीं आए। लापता के पिता दलबीर सिंह व दादा का कहना है कि उनकी बहू का बड़ा भाई घटना के बाद से लापता है वो नहीं आया। बहाने बनाकर दोनों पक्ष बच गए थे। 2 दिसंबर को फिर लगेगी महादेव की अदालतमहादेव की अदालत में केस रजिस्टर्ड हो गया है। दोनों उपरिवारों ने बहाना कर "धरम' नहीं उठाया तो पुलिस का संदेह परिवार पर और गहरा हो गया है। महादेव की अदालत ने दोनों परिवारों को सात दिन का समय दिया था। अब मंगलवार 02 दिसंबर को अदालत में फिर तारीख लगी है। अब दोनों पक्षों को "धरम' उठाना पड़ेगा। मतलब कुछ रुपए रखकर कसम खानी पड़ेगी कि बच्चा उनके पास नहीं है न ही उनके पास उसकी कोई सूचना है। यदि वह झूठ बोलें तो सात दिन के अंदर कोई नुकसान हो जाए। परिजन पर बच्चे को गायब करने का संदेह30 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है, लेकिन लापता रितेश पाल का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस लगातार उसकी सर्चिंग कर रही है। पुलिस को पूरा संदेह बच्चे की मां सपना, मामी ज्योति पाल पर है। मां सपना व मामी ज्योति पाल का कहना है कि हमारे बच्चे को गायब हुए 30 दिन हो गए हैं। पुलिस प्रयास कर रही है, लेकिन पर हम पर भी दबाव बना रही है।मां काे अब भी उम्मीद, लौट आएगा उसका लाड़ला जब दैनिक भास्कर ने लापता मासूम की मां से बात की तो सपना पाल ने बताया कि 30 दिन हो गए हैं, पता नहीं मेरा बेटा कहां होगा और कैसा होगा। पुलिस हम पर ही शक कर रही है। लेकिन सपना को अभी भी उम्मीद है कि उसका रितेश एक दिन आएगा और उसकी गोद में बैठकर मम्मी कहेगा। जब पूछा कि इतने दिन बाद भी एक बार भी मन में बुरा ख्याल नहीं आता कि बच्चे को कुछ हो तो नहीं गया है। इस पर मां कहती है कि उसे विश्वास है बेटा जरूर मिलेगा। 400 से ज्यादा CCTV खंगाले, नहीं मिले फुटेजपुलिस ने स्पॉट से गुजरने वाले रास्तों, आसपास व हाईवे तक 400 से ज्यादा CCTV कैमरे खंगाले हैं। कहीं पर भी पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। एक भी CCTV फुटेज में बच्चा पकड़ में नहीं आया है। पुलिस को कुछ संदिग्ध लोग जरूर नजर आए हैं, लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आया जिस पर कोई पुख्ता सबूत बनाकर पुलिस की जांच आगे बढ़ाई जा सके। ये खबर भी पढ़ें... बच्चे का अपहरण, बीहड़ में तलाश रहे 500 पुलिसकर्मी ग्वालियर के मोहनपुर गांव से शनिवार दोपहर लापता हुए तीन वर्षीय रितेश पाल का 48 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। बच्चे को ढूंढने के लिए 500 से अधिक पुलिस जवान और अधिकारी लगातार जंगल के चप्पे-चप्पे की तलाशी ले रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें