वर्कप्‍लेस के लिए जरूरी है इमोशनल इंटेलिजेंस:बच्चे के लिए परिवार पहला स्कूल; अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर समझें क्‍यों जरूरी फैमिली

वर्कप्‍लेस के लिए जरूरी है इमोशनल इंटेलिजेंस:बच्चे के लिए परिवार पहला स्कूल; अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर समझें क्‍यों जरूरी फैमिली

Published at : 2025-05-14 23:30:00
आज यानी 15 मई को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जा रहा है। यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने साल 1983 में परिवारों पर पड़ने वाले सामाजिक, आर्थिक और डेमोग्राफिक असर को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन की शुरुआत की थी। पुणे के MIT-WPU के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विशाल घुले कहते हैं कि सभी के जीवन में परिवारों की भूमिका अहम होती है, खासकर जब बात बच्चों के भावनात्मक विकास यानी इमोशनल इंटेलिजेंस की हो। परिवार ही बच्चे के लिए पहला स्कूल होता है। क्या है इमोशनल इंटेलिजेंस? भावनाओं को समझ पाने और उन्हें मैनेज करने की कला को इमोशनल इंटेलिजेंस कहा जाता है। जब कोई अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सके, प्रेशर की स्थिति में भी शांति बनाए रखे और बहस को जल्द से जल्द खत्म कर सके तो उसे इमोशनली इंटेलिजेंट कहा जाता है। बातचीत से भावनाओं को समझना सीखते हैं बच्चे बच्चों की परवरिश में एक बेहद असरदार लेकिन अक्सर अनदेखा पहलू है रोज़मर्रा की पारिवारिक बातचीत। ये बातचीत चाहे छोटी हो या बड़ी, बच्चों को तनाव से निपटने, अपनी भावनाओं को समझने और मुश्किल हालात से उबरने में मदद करती है। यह कोई जन्मजात गुण नहीं होता, बल्कि इसे हम अनुभवों, रिश्तों और संवाद के जरिए सीखते हैं। पारिवारिक संवाद सिर्फ जानकारी साझा करने का माध्यम नहीं है। यह बच्चों को यह सिखाता है कि भावनाओं से कैसे निपटना है, समस्याएं कैसे सुलझानी हैं और कठिन समय में खुद को कैसे संभालना है। जब माता-पिता बच्चों से खुले दिल से बात करते हैं और ध्यान से सुनते हैं, तो वे यह सिखाते हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में शांत रहकर सोच-समझकर कैसे प्रतिक्रिया देनी है। दादी-नानी की कहानियों से जुड़ाव महसूस करते हैं बच्चे एक और बेहद असरदार तरीका है जिससे परिवार भावनात्मक मजबूती या इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ाते हैं और वह है कहानी सुनाना। जब परिवार अपने अतीत की कहानियां, खुशियां और कठिनाइयां दोनों साझा करते हैं, तो बच्चे अपने परिवार के इतिहास से जुड़ाव महसूस करते हैं। रॉबिन फाइवुश जैसे शोधकर्ताओं ने पाया है कि किशोर, भले ही बातचीत में कम रुचि दिखाएं, लेकिन वे इन पारिवारिक कहानियों को याद रखते हैं और उनसे गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। ------- ये खबरें भी पढ़ें... अग्निवीर योजना लाने वाले अजय कुमार बने UPSC चेयरमैन: सबसे लंबे समय तक रक्षा सचिव, CDS पद बनाया; IIT से इंज‍ीनियरिंग, USA से PhD UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को नया चेयरमैन नियुक्त किया है। पूरी खबर पढ़ें...