
रतलाम में तहसीलदार के कहने पर थाने पर रोकी बस:मंदसौर से इंदौर जा रहे यात्री होते रहे परेशान; टीआई बोले- बिना कोई कारण रोकी
Published at : 2025-01-22 14:57:34
रतलाम के बड़ावदा थाने के बाहर बुधवार को एक प्राइवेट बस को अचानक रोक लिया गया। पुलिसकर्मियों ने बस रोकने का कारण स्पष्ट नहीं बताया, जिससे बस में सवार यात्रियों को आधे घंटे तक परेशानी झेलनी पड़ी। बस मंदसौर से इंदौर जा रही थी और उसमें उज्जैन के यात्री भी सवार थे। दोपहर करीब 1.15 बजे बस बड़ावदा थाने के सामने से गुजर रही थी, जब पुलिस जवानों ने हाथ देकर बस को रुकवा लिया। कंडक्टर और यात्री बस रोकने का कारण पूछते रहे, लेकिन थाने से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला बाद में जानकारी मिली कि बड़ावदा नायब तहसीलदार श्रद्धा त्रिवेदी ने तेज गति की शिकायत के आधार पर थाने में फोन कर बस रुकवाने को कहा था। हालांकि, एक अन्य कारण भी सामने आया कि नायब तहसीलदार के किसी परिचित को बस में चढ़ाने के लिए बस चालक ने गाड़ी नहीं रोकी, जिससे नाराज होकर तहसीलदार ने यह कदम उठाया। पुलिसकर्मी बोले- दूसरी बस से चले जाओ बस में सवार सिवनी के यात्री विनोद सोनी ने बताया कि थाने के अंदर बैठे मुंशी से कारण जानना चाहा, लेकिन वह कुछ बताने को तैयार नहीं थे। हमने कहां हमें आगे सिवनी जाना है, तो मुंशी कहने लगा कि दूसरी बस से चले जाओ। आधे घंटे तक बस को थाने के बाहर खड़ा कर रखा। बाद में शायद चालान बनाकर बस को छोड़ा। इस मामले में जब बड़ावदा थाना प्रभारी तूरसिंह डामोर से बस के रोकने का कारण जानना चाहा। उनका कहना था कि कोई कारण नहीं था। जब कहां कि बिना कारण के बस रोकी तो कहने लगे हां बिना कारण ही बस रोकी। स्पष्ट कारण नहीं बता पाए। तहसीलदार ने कहा स्पीड तेज थी बड़ावदा नायब तहसीलदार श्रद्धा त्रिवेदी का कहना था कि जावरा से अपने वाहन से बड़ावदा जा रही थी। तब बस की स्पीड तेज दिखी। थाने पर फोन कर कार्रवाई को कहा। अब थाने वालों ने क्या कार्रवाई की। मालूम नहीं। परिचित को बस में नहीं बैठाने की बात को नायब तहसीलदार ने नकारा है।