Udaipur में PM Modi से व्यापारियों ने की खास अपील, संगमरमर से आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग

Udaipur में PM Modi से व्यापारियों ने की खास अपील, संगमरमर से आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग

Published at : 2025-05-14 11:27:00
राजस्थान संगमरमर का प्रमुख केंद्र है, ये सभी जानते है। राजस्थान का संगमरमर वर्षों से दुनिया में अपनी खास पहचान के लिए जाना जाता है। उदयपुर राजस्थान का प्रमुख संगमरमर केंद्र है। तुर्की के साथ हो रहे विवाद के बीच अब उदयपुर स्थित संगमरमर व्यापारियों ने केंद्र सरकार से खास अपील की है। व्यापारियों ने तुर्की से आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। तुर्की द्वारा भेजे गए ड्रोन का ही उपयोग पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ संघर्ष में किया था। ऐसे में व्यापारियों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो तुर्की से आयात बंद करने करे। साथ ही व्यापारी खुद भी तुर्की से कोई आयात नहीं करेंगे। इस संबंध में उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने एएनआई को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सरकार से तुर्की से आयात रोकने का अनुरोध किया है। खासतौर से संगमरमर के आयात पर रोक लगाए जाने की अपील की गई है। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि हम पिछले कुछ दिनों में उनके द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों का पूर्ण समर्थन करते हैं। पटेल ने एएनआई से कहा, "हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि यदि वह किसी भी देश पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाते हैं, तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हमारा मानना ​​है कि व्यापार-उद्योग राष्ट्र और राष्ट्रीय हित से बड़े नहीं हो सकते।" उन्होंने कहा, "यदि भारत भर के अन्य संगठन भी तुर्की से आयात बंद करने का निर्णय लेते हैं, तो इससे दुनिया को स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारतीय व्यवसाय इस महत्वपूर्ण समय में सरकार का पूरा समर्थन कर रहे हैं।" व्यापारियों का कहना है कि ये प्रतिबंध सिर्फ मार्बल पर ही क्यों लगाया जाए। व्यापारियों का सुझाव है कि भारत को तुर्की से आयात होने वाले अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। उदयपुर स्थित व्यापारी संगठन ने कहा कि भारत प्रतिवर्ष 14-18 लाख टन संगमरमर का आयात करता है। इसका लगभग 70 प्रतिशत तुर्की से आयात किया जाता है। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के महासचिव हितेश पटेल ने बताया कि तुर्की से आयात 2500-3000 करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन में करीब 125 सदस्य हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी प्रेस वार्ता में भारतीय सशस्त्र बलों ने उल्लेख किया था कि छोड़े गए ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की गई थी और प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला था कि वे तुर्की के अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन थे।